रैगिंग के अंतर्गत
कोलाहलपूर्ण अनुचित व्यवहार करना चिढ़ाना, भद्दे या अशिष्ट आचरण करना; उपद्रवी एवं अनुशासनहीन क्रिया-कलापों में संलग्न जिससे नये छात्र को गुस्सा, अनावश्यक परेशानी, शारिरिक अथवा मानसिक क्षति हो, अथवा छात्रों को कार्य करने के लिये कहना, जो छात्र/छात्रा सामान्यतया नहीं कर सकता/सकती और जिससे उसे शर्म या अपमान का अनुभव होता हो, अथवा जीवन के लिये खतरा हो। छत्तीसगढ़ राज्य का शैक्षणिक संस्थाओं में रैगिंग रोकथाम अधिनियम 2002 कर्नाटक शिक्षा अधिनियम, 1893 (कर्नाटक अनिधनियम नं.1, 1995), अनुच्छेद 2(2) के अनुसार रैगिंग की परिभाषा इस प्रकार है।
किसी छात्र को मजाक में या अन्य किसी प्रकार से ऐसा कार्य करने लिए कहना, प्रेरित करना या बाध्य करना, जो मानव-मर्यादा के लिये प्रतिकूल हो या जो उसके व्यक्तित्व के विपरित हो या जिससे वह हास्यास्पद हो जाए या डरा धमकाकर गलत ढंग से रोक कर गलत ढंग से बंद करके चोट पहुंचाकर या उस पर अनुचित दबाव डालकर या उसे इस प्रकार की धमकी, गलत अवरोध गलत ढंग से बंदी बनाने, चोट या अनुचित दण्ड भय दिखा कर वैधानिक कार्य करने से मना करना।
रैगिंग का स्वरूप :-
रैगिंग निम्नांकित रूपों (सूची केवल निर्देशात्मक है, संपूर्ण नहीं ) में पाई जाती है -
स्पष्ट आदेश -
1.सीनियर छात्रों का सर कहने के लिए बाध्य करना।
2.सामूहिक कवायद करने के लिए।
3.सिनियरों के क्लास-नोट्स उतारने के लिए।
4.अनेक सौपे हुए कार्य करने के लिए।
5.सीनियरो के लिये भृत्योचित कार्य करने के लिए।
6.अश्लील प्रश्न पूछने या उनका उत्तर देने के लिए।
7.नये छात्रों को अपने सीधेपन से विपरीतआघात पहुंचाने हेतु अश्लील चित्रों को देखने के लिए।
8.शराब, उबलती हुई चाय, आदि पीने के लिए बाध्य करना।
9.कामुक संकेतार्थ वाले कार्य समलैगिंक कार्य सहित करने के लिए बाध्य करना।
10.ऐसे कार्य करने के लिए बाध्य करना, जिससे शारिरिक क्षति, मानसिक पीढा या मृत्यु तक हो सकती है।
11.नंगा करना, चुंबन लेना आदि।
12. अन्य अश्लीलताएं करना
उपयुक्त ये यह विदित होता है की प्रथम पांच को छोड़कर अधिकतर रैगिंग के विकृत रूपों से युक्त है।
रैगिंग के लिप्त होने पर दिये जाने वाले दंड:-
1.प्रवेश निरस्त किया जाना ।
2.कक्षा/छात्रावास से निष्कासित किया जाना।
3.छात्रवृत्ति अथवा अन्य सुविधा रोकना।
4.परीक्षाओं से वंचित करना।
5.परीक्षा - परिणान रोकना।
6.राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय तथा युवा उत्सव में भाग लेने पर प्रतिबंध।
7.संस्था से रेस्टिकेट किया जाना।
8.आर्थिक दंड रु. 25000/- तक।
रैगिंग का नियम
संस्थाध्यक्ष द्वारा की जाने वाली कारवाई
1.रैगिंग विरोधी दल अथवा संबंधित किसी के भी द्वारा रैगिंग की सूचना प्राप्त होने पर संस्थाध्यक्ष तुरन्त सुनिश्चित करें कि क्या कोई अवैध घटना हुई है और यदि हुई है तो वे स्वयं अथवा उसके द्वारा अधिकृत रैगिंग विरोधी समिति से सूचना प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज कराए | अथवा रैगिंग से संबंधित विधि के अनुसार संस्तुति दे। रैगिंग के अंतर्गत निम्नलिखित अपराध आते हैं ।
2.रैगिंग हेतु उकसाना।
3.रैगिंग का आपराधिक षडयंत्र ।
4.रैगिंग के समय अवैध ढंग से एकत्र होना तथा उत्पाद करना।
5.रैगिंग के समय जनता को बाधित करना ।
6.रैगिंग के द्वारा शालीनता और नैतिकता भंग करना।
7.शरीर को चोट पहुंचाना।
8.गलत ढंग से रोकना।
9.अपराधिक बल प्रयोग।
10.प्रहार करना, मौन सबंधि अपराध अथवा अप्राकृतिक अपराध ।
11. बलात गहन।।
12. अपराधिक ढंग से बिना अधिकार दूसरे के स्थान में प्रवेश करना।
13. संपत्ति से संबंधित अपराध।
14. अपराधिक धमकी ।
15. मुसिबत में फसे व्यक्तियों के प्रति उपयुक्त में से कोई अथवा सभी अपराध करना। |
16, उपयुक्त में से कोई एक अथवा सभी अपराध पीड़ित के विरूद्ध करने हेतु धमकाना।
17. शारिरिक अथवा मानसिक रूप से अपमानित करना।
18. रैगिंग की परिभाषा से संबंधित सभी अपराध ।
रैगिंग की परिभाषा से संबंधित सभी अपराध यह भी उल्लेख किया जाता है। संस्थाध्यक्ष रैगिंग की घटना की सूचना तुरन्त जिला स्तरीय रैगिंग विरोधी समिती ता सम्बद्ध विश्व विद्यालय के नोडल अधिकारी को दे। यह भी उल्लेख किया जाताकि संस्था इन विनियम के खंड 9 के अधिन अपनी जांच और उपाय पुलिस तथा स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कारवाई की प्रतिक्षा किये बिना प्रारंभ कर दे और घटना के एक सप्ताह के भीतर औपचारिक कारवाई पूरी कर ली जाए।
रैगिंग
रैगिंग की घटनाओं पर प्रशासनिक कारवाई
9.1 किसी छात्र को रैगिंग का दोषी पाये जाने पर संस्था द्वारा निम्निलिखित अनुसार दंड दिया जायेगा।
क. रैगिंग विरोधी समिति उचित दंड के सबंध में उचित निर्णय लेगी अथवा रैगिंग की घटना के स्वरूप एवं गंभीरता को देखते हुए रैगिंग विरोधी दल हेतु अपनी संस्तुति देगा।
ख. रैगिंग विरोधी समिती रैगिंग विरोधी दल द्वारा निर्धारित किये गए अपराध के स्वरूप और गंभीरता को देखते हुए निम्नलिखित में कोई एक अथवा अनेक दंड देगी।
1.कक्षा में उपस्थिति होने तथा शैक्षिक अधिकारो से निलंबना.
2.छात्रवृत्ति /छात्र अध्येतावृत्ति तथा अन्य लाभों को रोकना/वाचित करना।
3.किसी टैस्ट/ परीक्षा अथवा अन्य मूल्यांकन प्रक्रिया में उपस्थित होने से वंचित करना।
4.परीक्षाफल रोकना।
5.किसी प्रादेशिक, राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय मीट, खेल, युवा महोत्सव आदि में संस्था का प्रतिनिधित्व करने से वंचित करना।
6.छात्रावास से निष्कसित करना।